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मंगलवार, 12 नवंबर 2024

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

यह गीत "हर हर शंभू" भगवान शिव की महिमा का वर्णन करते हुए उनकी शरण में श्रद्धा व्यक्त करने वाला भव्य भजन है। इस भजन के प्रत्येक बोल में भगवान शिव की महानताउनका रूपउनकी शक्तियाँ और उनके प्रति भक्तों की अटूट भक्ति को प्रकट किया गया है।

"हर हर शंभू":- यह पंक्ति भगवान शिव के कई नामों में से एक "शंभू" का उच्चारण करती है। शंभू का अर्थ है, 'जो सभी को सुख देने वाले हैं' "हर हर" का अर्थ है, "हे भगवानहर-हर शिव"।

   - यह शब्द पूजा और मंत्रोच्चारण में भगवान शिव की आराधना की एक विशेष शैली हैजो उनके प्रति श्रद्धा और भक्ति को व्यक्त करती है।

कर्पूरगौरं करुणावतारं:इस पंक्ति में भगवान शिव के रूप का वर्णन है। "कर्पूरगौरं" का अर्थ है 'जो कपूर की तरह सफेद हैंऔर "करुणावतारं" से तात्पर्य हैभगवान शिव का दयालु और कृपालु रूप।

   - यह शब्द उनकी विशिष्टता को उजागर करते हैंजो संसार को शरण देने वाले और सभी जीवों पर करुणा रखने वाले हैं।

वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये:इस शेर में वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में बताया गया है। काशी को भगवान शिव का प्रिय स्थान माना जाता है और यह पंक्ति भगवान शिव की महिमा के प्रति समर्पण का प्रतीक है। "शरणं प्रपद्ये" का अर्थ है, 'मैं आपकी शरण में आता हूँ'जो भक्तों की गहरी श्रद्धा को दर्शाता है।

अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं:- भगवान शिव को अकाल मृत्यु से बचाने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है। इस पंक्ति में शिव के उस रूप की पूजा की जा रही हैजो जीवों को अकाल मृत्यु से बचाता है और उनके जीवन को संरक्षण प्रदान करता है।

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय:- यह पंक्ति भगवान शिव के रूप और उनके आभूषणों का वर्णन करती है। "नागेन्द्रहाराय" का अर्थ है, 'जो नाग (सर्प) की माला पहने हुए हैं', और "त्रिलोचनाय" का अर्थ है'जो तीन नेत्र वाले हैं' (शिव के तीन नेत्र हैंजो उनके समग्र रूप को दर्शाते हैं)।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय:- भगवान शिव को "नित्य" (शाश्वत)"शुद्ध" (निर्मल) और "दिगम्बर" (जो आकाशमणि पहनते हैं) कहा गया है। वे सभी दोषों से मुक्त और अत्यंत पवित्र होते हैं।

गीत का सार:यह भजन भगवान शिव की महिमाउनकी विविधताउनके रूपों और उनके भक्तों के प्रति अनंत प्रेम और करुणा को व्यक्त करता है। शिव को "महाकाल" (समय के देवता) और "विश्वनाथ" (संसार के स्वामी) के रूप में पूजा जाता है। भक्तों को यह गीत प्रेरित करता है कि वे भगवान शिव की शरण में जाएंजिससे वे संसार के कष्टों से मुक्त हो सकते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।

सभी पंक्तियाँ भगवान शिव की दिव्य और अनंत शक्तियों का प्रतीक हैं और इस भजन के माध्यम से उनकी आराधना की जाती है।

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

 

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

 

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।

 

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

 

सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्

सानन्दमानन्दवने वसन्तमानन्दकन्दं हतपापवृन्दम्

 

वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये

वाराणसीनाथमनाथनाथं श्रीविश्वनाथं शरणं प्रपद्ये

 

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

 

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् |

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्

 

अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्

अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्

 

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

 

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय

 

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय

 

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

हर हर शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेवा

शंभू शंभू शंभू शंभू शिव महादेव

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