मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा
यह गाना भगवान शिव की महिमा और उनकी उपासना पर आधारित है।
इसमें भगवान शिव के अद्वितीय स्वरूप, उनकी शक्ति और
उनके भक्तों के प्रति असीम प्रेम की गाथा गाई गई है। गाने के बोल में भगवान शिव के
जीवनदायिनी गुणों का उल्लेख किया गया है, जैसे कि उनकी माया,
शरणागत वत्सलता, और उनके द्वारा अपने भक्तों को
दी गई आशीर्वाद की महिमा।
गीत की शुरुआत "ॐ नमः शिवाय" के जाप से होती है, जो शिव की पूजा का एक पवित्र मंत्र है। इसके बाद, गाने
में यह बताया जाता है कि भगवान शिव ही सत्य हैं, और यही सत्य
जीवन को सुंदर और संपूर्ण बनाता है। गीत में यह भी दर्शाया गया है कि तीनों लोक
शिव में समाहित हैं, और उनकी माया अपार है।
गाने के दूसरे हिस्से में, शिव भक्ति के
महत्व को रेखांकित करते हुए, यह भी कहा गया है कि शिव से
बड़ा कोई नहीं है। पार्वती माता द्वारा सीता का रूप धारण करके भगवान राम के सम्मुख
आने और राम द्वारा शिव की महिमा का उद्घाटन करने का वर्णन किया गया है। इसके
माध्यम से शिव के अद्वितीय गुणों और उनके प्रभाव को दर्शाया गया है।
गाने में यह भी कहा गया है कि भगवान शिव की जटाओं से गंगा
नदी निकली, और गंगा ने भीष्म पितामह को आशीर्वाद दिया।
इसका मतलब है कि भगवान शिव की कृपा से अनेक देवताओं और महापुरुषों को बल और
आशीर्वाद प्राप्त हुआ है।
यह गीत एक प्रकार से भगवान शिव की पूजा और उनके प्रति भक्ति
की गहरी अभिव्यक्ति है, जिसमें शिव के महान और सर्वोत्तम रूप की
महिमा की गाथा गाई गई है।
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