चलो भोले बाबा के द्वारे
यह गीत "चलो भोले बाबा के द्वारे" भगवान शिव (भोले बाबा) की महिमा और उनकी कृपा का गुणगान करता है। यह भक्ति
गीत शिव भक्तों के लिए बहुत प्रिय है और शिव जी के दरबार में आने से सभी दुखों और
परेशानियों के निवारण का संदेश देता है। गीत में शिव के प्रति श्रद्धा, विश्वास और भक्ति का भाव व्यक्त किया गया है।
1. भोले बाबा के द्वारे: गीत की शुरुआत में ही यह स्पष्ट किया गया है कि भगवान शिव का दरबार, उनके द्वार पर जाने से सभी दुखों का नाश हो जाता है। "चलो भोले बाबा
के द्वारे, सब दुख कटेंगे तुम्हारे" का अर्थ है कि
अगर हम भोले बाबा के चरणों में जाते हैं और उनकी भक्ति करते हैं, तो हमारे सभी दुख समाप्त हो जाएंगे। भगवान शिव के द्वार से सभी कष्ट और
पाप समाप्त हो जाते हैं।
2. शिव की महिमा: गीत में शिव की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। एक शिकारी जो
बिल्व वृक्ष पर शिकार करने गया था, उसे भगवान शिव का
आशीर्वाद मिलता है। अनजाने में वह प्रहर पूजा करता है और भोले बाबा प्रकट होकर उसे
वरदान देते हैं, जिससे उसे वैराग्य और भक्ति की प्राप्ति
होती है।
3. शिवरात्रि और पुण्य: गीत में एक कन्या की कहानी भी है, जो अपने
पापों के कारण कष्ट भोग रही थी। वह गोकर्ण पहुंचती है और उसे भगवान शिव का
आशीर्वाद मिलता है, जब वह शिवलिंग पर अनजाने में बिल्व
पत्र अर्पित करती है। इस व्रत और आस्था के कारण उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4. भोले बाबा की कृपा: गीत के दौरान बार-बार यह कहा जाता है कि "बने बाबा उसके सहारे, सब दुख कटेंगे तुम्हारे," जो यह दर्शाता
है कि शिव की कृपा से सभी दुखों का निवारण होता है। उनका आशीर्वाद हमें शांति, भक्ति और मोक्ष की प्राप्ति दिलाता है।
5. "हरि ॐ" का जाप: गीत में "हरि ॐ" का जाप किया गया है, जो भगवान शिव की उपासना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह जाप भक्तों को शिव
के प्रति अडिग श्रद्धा और आस्था में दृढ़ करता है और मानसिक शांति प्राप्त करने
में मदद करता है।
यह गीत भगवान शिव
की अनुकंपा और उनकी महिमा को व्यक्त करता है। इसमें भक्तों को यह संदेश दिया जाता
है कि अगर वे भगवान शिव के प्रति सच्ची श्रद्धा और भक्ति रखते हैं, तो शिव बाबा उनकी हर मुश्किल को सुलझा देंगे और उनके
जीवन को आशीर्वादित करेंगे। गीत का हर शब्द एक प्रेरणा है, जो भक्तों को शिव के द्वार पर जाने और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने
के लिए प्रेरित करता है।
चलो भोले बाबा के
द्वारे
सब दुख कटेंगे
तुम्हारे
(चलो भोले बाबा
के द्वारे)
(सब दुख कटेंगे
तुम्हारे)
भोले बाबा, भोले बाबा
भोले बाबा, भोले बाबा
भोले बाबा, भोले बाबा
चलो भोले बाबा के
द्वारे
सब दुख कटेंगे
तुम्हारे
(चलो भोले बाबा
के द्वारे)
(सब दुख कटेंगे
तुम्हारे)
चढ़ा एक शिकारी, देखो, बिल्व वृक्ष पर, करने को वो शिकार
शिव चौदस की पावन
वह रात थी, अनजाने में हुआ प्रहर
पूजा-संस्कार
हुए बाबा प्रकट
बोले, "माँगो वरदान" (बोले,
"माँगो वरदान")
दर्शन कर शिकारी को
हो आया वैराग्य ज्ञान (हो आया वैराग्य ज्ञान)
कर बद्ध कर वो
बोला...
(हरि ॐ, हरि ॐ)
(हरि ॐ, हरि ॐ)
(हरि ॐ, हरि ॐ)
(हरि ॐ, हरि ॐ)
कर बद्ध कर वो बोला, "दो मुझे भक्ति वरदान" ("दो मुझे भक्ति
वरदान")
बने बाबा उसके
सहारे
सब दुख कटेंगे
तुम्हारे
(चलो भोले बाबा
के द्वारे)
(सब दुख कटेंगे
तुम्हारे)
पापाचार के कारण
कष्ट सहे कन्या सौमिनी ने
भिक्षा माँगती वो
पहुँची गोकर्ण में, मिला बिल्व पत्र उसे भिक्षा के
रूप में
बिल्व पत्र अनजाने
में फेंका शिवलिंग पे (फेंका शिवलिंग पे)
पुण्य शिवरात्रि
व्रत का ऐसे पाया उसने (ऐसे पाया उसने)
महिमा से शिव की...
(हरि ॐ, हरि ॐ)
(हरि ॐ, हरि ॐ)
(हरि ॐ, हरि ॐ)
(हरि ॐ, हरि ॐ)
महिमा से शिव की
मोक्ष पाया उसने (मोक्ष पाया उसने)
बने बाबा उसके
सहारे
सब दुख कटेंगे
तुम्हारे
(चलो भोले बाबा
के द्वारे)
(सब दुख कटेंगे
तुम्हारे)
भोले बाबा, भोले बाबा
भोले बाबा, भोले बाबा
भोले बाबा, भोले बाबा
चलो भोले बाबा के
द्वारे
सब दुख कटेंगे
तुम्हारे
चलो भोले बाबा के
द्वारे
सब दुख कटेंगे
तुम्हारे
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