मन ले के आया माता रानी के भवन में
"मन ले के आया माता रानी के भवन में" एक प्रसिद्ध भक्ति गीत है जो माँ दुर्गा, माता रानी और उनकी विभिन्न रूपों की महिमा का वर्णन करता है। यह गीत विशेष
रूप से भक्तों के दिलों में श्रद्धा और भक्ति का भाव उत्पन्न करता है। गीत के
माध्यम से यह बताया गया है कि माता रानी के मंदिर और उनके भवन में जाकर व्यक्ति को
मानसिक और आत्मिक सुख मिलता है।
1. प्रारंभिक पंक्तियाँ: गीत की शुरुआत में भक्त अपने मन को लेकर माता रानी के भवन
में प्रवेश करने की बात करता है। वह कहता है कि वहाँ उसे बड़ा सुख मिला और इस सुख
के कारण उसे जीवन में शांति और समृद्धि की प्राप्ति हुई। "बड़ा सुख
पाया" का अर्थ है कि माता रानी के आशीर्वाद से उसे आध्यात्मिक सुख और संतोष
मिला।
2. माँ की महिमा: गीत में माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों का उल्लेख किया गया है। एक स्थान पर
माँ के भैरव पर क्रोध करके त्रिशूल उठाने और शक्तिशाली रूप को दिखाने की घटना का
वर्णन है। इसके अलावा, यह भी बताया गया है कि माँ ने कई
स्थानों पर अपने भक्तों की रक्षा की और उनकी पूजा की महिमा का विस्तार किया।
3. माँ के भव्य भवन की कथा: एक अन्य भाग में यह बताया गया है कि माता रानी के भवन की
सुंदरता और उसकी महिमा कितनी अपार है। इसमें शाह अकबर का जिक्र है, जो नंगे पाँव माता के दरबार में आया और श्रद्धा से शीश झुका। इससे यह
संकेत मिलता है कि माँ की महिमा न केवल सामान्य लोगों के लिए, बल्कि बड़े-बड़े शासकों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत रही है।
4. चिंतपूर्णी माता की महिमा: गीत में विशेष रूप से चिंतपूर्णी माता की महिमा का उल्लेख
किया गया है। कहा गया है कि जो भक्त माँ के चिंतन में मग्न रहते हैं, उन्हें कोई चिंता नहीं रहती। माँ उनकी सभी समस्याओं का समाधान करती हैं और
उनके जीवन में सुख-शांति का संचार करती हैं।
5. नैना देवी का काव्य रूप: गीत के अंत में नैना देवी की भी महिमा गाई गई है। यहाँ
कहा गया है कि माता नैना देवी ने अपने भक्त नैना गुज्जर को दर्शन दिए और उनके जीवन
को धन्य किया। नैना गुज्जर ने माँ के आदेश पर उनका मंदिर बनवाया, और उनका जीवन पूरी तरह से माँ की भक्ति में रमा रहा।
6. कुल मिलाकर संदेश: यह भक्ति गीत भक्तों को यह संदेश देता है कि माता रानी के
चरणों में शरण लेने से हर प्रकार की चिंता और दुख दूर हो जाते हैं। उनका आशीर्वाद
प्राप्त करने के बाद जीवन में सुख, शांति और समृद्धि
आती है।
इस गीत में विभिन्न
धार्मिक और भक्ति से जुड़ी घटनाओं का वर्णन किया गया है, जो दर्शाती हैं कि माँ दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की
पूजा से न केवल भक्ति की भावना बढ़ती है, बल्कि जीवन के
हर क्षेत्र में सफलता और सुख भी प्राप्त होता है।
मन ले के आया माता
रानी के भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में)
बड़ा सुख पाया...
बड़ा सुख पाया माती
रानी के भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में) भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में)
जय जय माँ, अंबे माँ
जय जय माँ, जगदंबे माँ
(जय जय माँ, अंबे माँ)
(जय जय माँ, जगदंबे माँ)
मैं जानूँ वैष्णव
माता, तेरे ऊँचे भवन की माया
भैरव पर क्रोध में
आके माँ तूने त्रिशूल उठाया
वो पर्बत जहाँ पे
तूने शक्ति का रूप दिखाया
भक्तों ने वहीं पे
मैया तेरे नाम का भवन बनाया
बड़ा सुख पाया...
बड़ा सुख पाया माती
रानी के भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में) भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में)
जय जय माँ, अंबे माँ
जय जय माँ, जगदंबे माँ
(जय जय माँ, अंबे माँ)
(जय जय माँ, जगदंबे माँ)
तेरे तेज ने ज्वाला
मैया जब उजयारा फैलाया
शाह अकबर नंगे
पैरों तेरे दरबार में आया
तेरी जग-मग ज्योत
के आगे श्रद्धा से शीश झुकाया
तेरे भवन की शोभा
देखी, सोने का क्षत्र चढ़ाया
बड़ा सुख पाया...
बड़ा सुख पाया माती
रानी के भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में) भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में)
जय जय माँ, अंबे माँ
जय जय माँ, जगदंबे माँ
(जय जय माँ, अंबे माँ)
(जय जय माँ, जगदंबे माँ)
हे, चिंतपूर्णी माता, तेरी महिमा
सबसे न्यारी
दिए भाईदास को
दर्शन, तू भक्तों की है प्यारी
जो करे माँ तेरा
चिंतन, तू चिंता हर दे सारी
तेरे भवन से झोली
भरके जाते हैं सभी पुजारी
बड़ा सुख पाया...
बड़ा सुख पाया माती
रानी के भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में)
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में)
जय जय माँ, अंबे माँ
जय जय माँ, जगदंबे माँ
(जय जय माँ, अंबे माँ)
(जय जय माँ, जगदंबे माँ)
माँ नैना देवी तूने
ये नाम भगत से पाया
नैना गुज्जर को
तूने सपने में दरस दिखाया
आदेश पे तेरे उसने
तेरा मंदिर बनवाया
जीवन भर बैठ भवन
में माँ तेरा ही गुण गया
बड़ा सुख पाया...
बड़ा सुख पाया माती
रानी के भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में) भवन में
(मन ले के आया
माता रानी के भवन में)
जय जय माँ, अंबे माँ
जय जय माँ, जगदंबे माँ
जगदंबे माँ
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