पता नहीं किस रूप में
आकार नारायण मिल जाएगा
यह गीत भक्ति और
आध्यात्मिकता की गहराई को दर्शाता है। इसकी पंक्तियाँ प्रेम, विश्वास, और दयालुता के संदेश
को फैलाती हैं।
ईश्वर की उपस्थिति:- गीत में हर स्थान और पल में
भगवान के होने का जिक्र है, जो यह दर्शाता है कि ईश्वर
हमारे चारों ओर है, हमें बस उसे देखने की दृष्टि चाहिए।
कर्मों का महत्व:- यह संदेश है कि जो हम बोते हैं, वही काटते हैं। अच्छे कर्म हमेशा फल देते हैं और नेकी का कोई मूल्य व्यर्थ
नहीं जाता।
श्रद्धा और
विश्वास:- श्रद्धा को सोने के समान बताया गया है, जो
व्यक्ति की आंतरिक गहराई को दर्शाती है। हमें अपने विश्वास को मजबूत करना चाहिए।
समर्पण:- यह गीत हमें प्रेरित करता है कि
हम दूसरों के लिए भी प्रेम और सहयोग के साथ रहें, क्योंकि
यही सच्ची भक्ति है।
भावनात्मक तान:- गीत की मधुर तान और शब्दों का चयन इसे एक दिव्य अनुभव
प्रदान करता है, जो सुनने वालों को प्रेरित और आत्मिक
रूप से समृद्ध करता है। यह दर्शाता है कि हर पल में ईश्वर की अनुभूति संभव है, अगर हम अपने दिल को खोलें और सच्चे मन से भक्ति करें।
प्रेम प्रभु का बरस रहा है
पी ले अमृत प्यासे
सातों तीरथ तेरे अंदर
बहार किसे तलाशे
कण कण में हरि
क्षण क्षण में हरि
मुस्कुराओ में आशुवन में हरि
मन की आंखे तूने खोली
तो ही दर्शन पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वो देती है
जो बोयेगा वो काटेगा
ये जग करमों की खेती है
नियति भेद नहीं करती
जो लेती है वो देती है
जो बोयेगा वो काटेगा
ये जग कर्मो की खेती है
यदि कर्म तेरे पावन है सभी
डूबेगी नहीं तेरी नाव कभी
तेरी बाह पकड़ने को
वो भेष बदल के आएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
नेकी व्यर्थ नहीं जाती
हरी लेखा-जोखा रखते हैं
ओरो को फुल दिए जिसने
उसके भी हाथ महकते हैं
नेकी व्यर्थ नहीं जाती
हरी लेखा-जोखा रखते हैं
ओरो को फुल दिए जिसने
उसके भी हाथ महकते हैं
कोई दीप मिले तो बाती बन
तू भी तो किसी का साथी बन
मन को मानसरोवर कर ले
तो ही मोती पाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
कान लगाके बातें सुन ले
सूखे हुए दरख्तों की
लेता है भगवान परीक्षा
सबसे प्यारे भक्तों की
एक प्रश्न है गहरा जिसकी
हरी को थाह लगानी है
तेरी श्रद्धा सोना है
या बस सोने का पानी है
जो फूल धरे हर डाली पर
विश्वास तो रख उस माली पर
तेरे भाग में पत्थर है तो
पत्थर ही खिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकर
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप मैं आकार
नारायण मिल जाएगा
पता नहीं किस रूप में आकार
नारायण मिल जाएगा
"हमने बहुत करीब से देखा है ज़िन्दगी को,
उतना ही पास रह गया, जो दे दिया किसी को।"
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