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रविवार, 1 दिसंबर 2024

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

 सुनो सुनो एक कहानी सुनो

"सुनो सुनो एक कहानी सुनो" एक लोकप्रिय भक्ति गीत हैजो माँ की महिमा और भक्तों के प्रति उनकी ममता को बयां करता है। यह गीत एक भक्त की कहानी पर आधारित हैजो अपनी माँ के प्रति अपार श्रद्धा और भक्ति रखता है। यह गीत माँ के प्रति भक्त की विश्वासत्यागऔर भक्ति को प्रस्तुत करता है।

गीत की शुरुआत होती है एक आमंत्रण सेजहाँ गायक श्रोताओं को एक कहानी सुनाने का आह्वान करता है। यह कहानी एक भक्त की हैजो कटरे नामक स्थान पर रहता था और हमेशा माँ के गुण गाता था। एक दिन भैरव नामक व्यक्ति ने उससे कहा कि वह अपने घर कई साधुओं के साथ भोजन के लिए आएगा। भक्त को चिंता हुई कि वह खुद भूखा थातो साधुओं का आदर कैसे करेगा। तब माँ ने उसे आश्वस्त किया कि वह चिंता न करेवह सभी को भोजन देगी।

जब भैरव और साधु भोजन के लिए आएतो भैरव ने माँ से माँस और मदिरा लाने की मांग कीलेकिन माँ ने उसे सबक सिखाया। वह अपने भक्त की रक्षा करने के लिए एक चमत्कार दिखाती हैजिससे भैरव का सर अलग हो जाता है। इसके बाद भैरव का सर जहां गिरावहां भैरव मंदिर बना।

गीत में माँ की महिमा और भक्त की निष्ठा को बहुत सुंदर रूप से प्रस्तुत किया गया है। यह गीत यह दर्शाता है कि माँ की ममता अनमोल है और वह अपने भक्तों की रक्षा करने के लिए हर स्थिति में उन्हें मार्गदर्शन देती हैं।

  • माँ की ममता और भक्ति का महत्व।
  • जब भक्त सच्चे दिल से माँ से प्रार्थना करता हैतो वह उसकी हर मुश्किल को दूर कर देती है।
  • गीत का संदेश है कि माँ की महिमा अपरंपार हैऔर उनकी कृपा से ही भक्तों को हर संकट से मुक्ति मिलती है।

यह गीत न केवल भक्तों को माँ की भक्ति और महिमा का एहसास कराता हैबल्कि उनके आत्मविश्वास और भक्ति को भी प्रोत्साहित करता है।

सुनो सुनोसुनो सुनो

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

 

ना राजा की ना रानी की

ना आग हवा ना पानी की

ना कृष्णा की ना राधा रानी की

दूध छलकता है आँचल से हो ओ ओ

दूध छलकता है आँचल से

आँख से बरसे पानी

माँ की ममता की है ये कहानी

सुनो सुनोसुनो सुनो...

 

एक भक्त जो दिन हिन था

कटरे में रहता था

माँ के गुण गाता था

माँ के चरण सदा कहता था

 

सुनो सुनो सुनो सुनो

 

एक बार भैरव ने उससे कहा की कल आएंगे

कई साधुओ सहित तुम्हारे घर खाना खाएंगे

माँ के भक्त ने सोचा कैसे उनका आदर होगा

बिन भोजन के साधुजनों का बड़ा निरादर होगा

 

सुनो सुनोसुनो सुनो

 

माता से विनती की उसने अन्न कहाँ से लाऊँ

मैं तो खुद भूखा हूँ भोजन कैसे उन्हें खिलाऊँ

माँ ने कहा तू चिंता मत कर कल तु उन्हें बुलाना

उनके साथ ये सारा गाँव खाएगा तेरा खाना

 

सुनो सुनोसुनो सुनो

 

नमन किया उसने माता को आ गया घर बेचारा

दूजे दिन देखा क्या उसने भरा है सब भंडारा

 

सुनो सुनोसुनो सुनो

 

उस भैरव ने जिसने ये सारा षडयंत्र रचाया

कई साधुओ सहित जीमने उसके घर पे आया

अति शुद्ध भोजन को देख के बोला माँस खिलाओ

जाओ हमारे लिए कहीं से मदिरा ले कर आओ

 

सुनो सुनोसुनो सुनो

 

आग बबूला हो गया जब उसने देखा भंडारा

क्रोध से भरके जोर से उसने माता को ललकारा

माँ आई तो उसने कस के माँ के हाथ को पकड़ा

हाथ छुड़ा कर भागी माता देख रहा था कटरा

 

अपनी रक्षा के खातिर एक चमत्कार दिखलाया

वो अस्थान छुपी जहा माता गरबजून कहलाया

नौ मास का छुपकर माँ ने वही समय गुजारा

समय हुआ पूरा तब माँ ने भैरव को संहारा

धड़ से सर को जुदा किया थी ज्वाला माँ के अंदर

जहा गिरा सर भैरब का वहां बना है भैरव मंदिर

 

सुनो सुनोसुनो सुनो

 

अपरम्पार है माँ की महिमा जो कटरे में आये

माँ के दर्शन करके फिर भैरव के मंदिर जाए

 

सुनो सुनो सुनो सुनोसुनो सुनो सुनो सुनो

सुनो सुनो एक कहानी सुनो

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