सिया-राम
यह गीत भगवान
श्रीराम और माता सीता की भक्ति और उनकी महिमा का गान करता है। इसमें राम-सीता के
नाम का बार-बार उच्चारण करके उनके पवित्र जीवन और गुणों का बखान किया गया है। यह
भक्ति गीत विशेष रूप से भक्ति भाव और धार्मिक उल्लास को प्रकट करने वाला है। नीचे
इस गीत के प्रमुख अंशों का विवरण किया गया है
कौशल्या-दशरथ के
नंदन – “कौशल्या और दशरथ” भगवान श्रीराम के
माता-पिता थे। इस पंक्ति में श्रीराम के जन्म का उल्लेख है, जो भारतीय हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखते हैं। श्रीराम को दशरथ और
कौशल्या का पुत्र और रघुकुल का नायक कहा गया है।
राम ललात पे शोभित
चन्दन - श्रीराम के माथे पर चन्दन का होना उनके पवित्र और शुभ स्वभाव का प्रतीक
है। चन्दन को एक शुद्ध और दिव्य वस्तु माना जाता है, जो
भगवान के शरीर पर शोभित होती है, यह उनके दिव्य रूप का
दर्शक है।
रघुपति की जय बोले
लक्ष्मण - लक्ष्मण, श्रीराम के भाई, हमेशा उनके प्रति निष्ठावान रहे। यहाँ पर लक्ष्मण के द्वारा रघुकुल के
राजा श्रीराम की जय का उच्चारण किया जा रहा है, जो उनके
भक्तिभाव को प्रदर्शित करता है।
राम-सिया का
अभिनंदन - श्रीराम और माता सीता की जोड़ी को आदर्श माना जाता है। इस पंक्ति में उनके
सम्मान और पूजा का वर्णन किया गया है। राम और सीता का मिलन सर्वोत्तम है और उनका
अभिनंदन किया जा रहा है।
अंजनी पुत्र पड़े
हैं चरणों में - यहाँ पर हनुमान जी का संदर्भ है, जो अंजनी और
केसरी के पुत्र हैं। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त और उनके चरणों में हमेशा
समर्पित रहते थे। उनकी भक्ति को यह पंक्ति दर्शाती है।
राम-सिया जपते
तन-मन में - भक्तों के तन और मन में
राम और सीता के नाम का जाप होने का वर्णन है। यह मन और आत्मा की शुद्धता और भक्ति
की प्रक्रिया को इंगीत करता है। जब भगवान राम का नाम लिया जाता है, तो भक्तों का जीवन धन्य और सुखमय हो जाता है।
मंगल भवन अमंगल
हारी - इस पंक्ति में भगवान
श्रीराम को 'मंगल भवन' और 'अमंगल हारी' के रूप में चित्रित किया गया है।
श्रीराम सभी शुभताओं के अधिपति हैं और वे किसी भी अमंगल (विपत्ति या बुराई) को दूर
करने वाले हैं।
द्रवहु सुदशरथ अजर
बिहारी - यह पंक्ति भगवान श्रीराम
की अजर-अमरता और उनके शाश्वत स्वरूप को संदर्भित करती है। भगवान श्रीराम, जो दशरथ के पुत्र थे, वे भगवान विष्णु के अवतार
हैं, जिनकी शक्ति और दिव्यता अनंत है।
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम - इस
भक्ति गीत में मुख्य मंत्र "राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम" का कई बार उच्चारण
किया गया है। यह पंक्ति भक्तों द्वारा भगवान राम और सीता के नाम का उच्चारण करने
का आदान-प्रदान करती है, जिससे भक्तों में भक्ति का
उल्लास और श्रद्धा का संचार होता है।
तू ही सिया का, राम का, राधा का तू ही श्याम - यह पंक्ति भगवान राम और कृष्ण के अद्वितीय रूप को
दर्शाती है। भगवान राम और कृष्ण दोनों ही भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं।
साथ ही, श्रीराम और श्रीकृष्ण दोनों का ही जीवन भक्तों
के लिए आदर्श है।
मीरा का तू भजन, भजते हरि पवन - मीरा बाई के भजनों का उल्लेख किया गया है, जो
भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनकी अपार भक्ति को दर्शाते हैं। यहाँ पर, मीरा की भक्ति और हरि के प्रति अनन्य प्रेम को शिरोधार्य किया गया है।
तुलसी में भी लिखी
ये बात है - इस पंक्ति में प्रसिद्ध
संत तुलसीदास का उल्लेख किया गया है, जिनकी रचना 'रामचरितमानस' भगवान श्रीराम के जीवन की गाथा
है। उनका नाम और उनके द्वारा लिखी गई भक्ति रचनाएँ राम के प्रति प्रेम और भक्ति को
प्रमोट करती हैं।
टक्कर मारना - इस शब्द का प्रयोग भक्ति गीत में उत्साह और जोश को
बढ़ाने के लिए किया गया है। यह शब्द भक्तों में ऊर्जा का संचार करता है और उनका
उत्साह बढ़ाता है। "टक्कर मारना" का तात्पर्य है, भगवान के नाम के साथ पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ अपने जीवन को जीना और
नकारात्मकताओं को नष्ट करना।
यह गीत भगवान
श्रीराम और माता सीता की महिमा, उनके अद्वितीय रूप, और उनकी भक्ति के महत्व को
गाता है। भक्तों द्वारा राम और सीता के नाम का बार-बार उच्चारण करके वे अपने जीवन
को दिव्य बनाते हैं और भगवान की कृपा प्राप्त करते हैं।
कौशल्या-दशरथ के
नंदन
राम ललात पे शोभित
चन्दन
रघुपति की जय बोले
लक्ष्मण
राम-सिया का
अभिनंदन
अंजनी पुत्र पड़े
हैं चरणों में
राम-सिया जपते
तन-मन में
मंगल भवन अमंगल
हारी
द्रवहु सुदशरथ अजर
बिहारी
राम, सिया-राम, सिया- राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
मात्र तन -मन, धड़कन में सिया-राम-राम हैं
मन-मंदिर के दर्पण
में सिया-राम-राम हैं
तू ही सिया का, राम का, राधा का तू ही श्याम
जन्म-जन्म का ही ये
साथ है
मीरा का तू भजन, भजते हरि पवन
तुलसी में भी लिखी
ये बात है
मंगल भवन अमंगल
हारी
द्रवहु सुदशरथ अजर
बिहारी
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
टक्कर मारना, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय टक्कर मारना
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया-राम, जय-जय राम
राम, सिया-राम, सिया -राम, जय-जय राम
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