मैं बालक तू माता शेरावालिए
"मैं बालक तू माता शेरावालिए" एक भक्ति गीत है, जो माँ शेरावाली (माँ दुर्गा)
की महिमा का बखान करता है। इस गीत में भक्त अपनी श्रद्धा और अटूट विश्वास के साथ
माँ शेरावाली से जुड़ा हुआ महसूस करता है।
गीत की शुरुआत में
गायक यह कहता है कि वह माँ शेरावाली का बालक है और उनका यह संबंध अटूट है। माँ
शेरावाली के विभिन्न रूपों का वर्णन किया गया है, जैसे "शेरावालिए माँ", "पहाड़ावालिए
माँ", "मेहरावालिए माँ", "ज्योतांवालिए माँ", जो माँ के दिव्य
और सशक्त रूपों को दर्शाते हैं।
गीत में यह भी
वर्णित है कि माँ शेरावाली की ममता, प्यार और आशीर्वाद से भक्त को जीवन में साहस, बुद्धि
और ज्ञान मिला है। गायक माँ से मिली कृपा का अनुभव करता है और उनका आभार व्यक्त
करता है।
इस भक्ति गीत में
यह भावनाएँ प्रकट की गई हैं कि जब तक भक्त माँ शेरावाली के आशीर्वाद में है, तब तक उसका जीवन सही दिशा में रहेगा। वह यह महसूस करता
है कि माँ के आशीर्वाद से उसका मस्तक ऊँचा हो गया है और जीवन में सफलता प्राप्त हो
रही है।
गीत के अंत में
भक्त अपनी समर्पण भावना को व्यक्त करता है और कहता है कि वह माँ की सेवा करने के
लिए तैयार है। इस गीत में माँ शेरावाली के प्रति गहरी श्रद्धा और विश्वास व्यक्त
किया गया है।
मैं बालक तू माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए।।
तेरी ममता मिली है मुझको,
तेरा प्यार मिला है,
तेरे आँचल की छाया में,
मन का फूल खिला है,
तुने बुद्धि तुने साहस,
तुने बुद्धि तुने साहस,
तूने ज्ञान दिया,
मस्तक ऊँचा करके,
जीने के वरदान दिया माँ,
तू है भाग्य विधाता शेरावालिए,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए।।
जब से दो नैनो में तेरी,
पावन ज्योत समाई,
मंदिर मंदिर तेरी मूरत,
देने लगी दिखाई,
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी,
ऊँचे पर्वत पर मैंने भी,
डाल दिया है डेरा,
निस करे जो तेरी सेवा,
मैं वो दास हूँ तेरा,
रहूँ तेरे गुण गाता शेरावालिए,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए।।
मैं बालक तू माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता शेरावालिए,
शेरावालिए माँ, पहाड़ावालिए माँ,
मेहरावालिए माँ, ज्योतांवालिए माँ,
मैं बालक तु माता शेरावालिए,
है अटूट ये नाता
शेरावालिए।।
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