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बुधवार, 4 दिसंबर 2024

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

भेजा है बुलावा, तूने शेरा वालिए

"भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए" एक भक्ति गीत हैजो माता वैष्णो देवी की महिमा और उनके दरबार में भक्तों की श्रद्धा को व्यक्त करता है। यह गीत श्रद्धालुओं की भावना को दर्शाता हैजो माता के दरबार में दर्शन करने के लिए बुलावे के बाद वहाँ आने की प्रतिज्ञा करते हैं। गीत में भक्तों का यह संदेश है कि जब माता का बुलावा आता हैतो वे किसी भी हाल में उनके दरबार में पहुँचते हैं और फिर कभी वहाँ से दूर नहीं जाते।

गीत की शुरुआत होती है भक्त के द्वारा माता के बुलावे का आह्वान करने सेजिसमें वे कहते हैं कि माता ने उन्हें अपने दरबार में बुलाया हैऔर वह वहाँ आने के बाद फिर कभी वापस नहीं जाएंगे। "शेरा वालिए" का जिक्र करते हुएगीत में माता के वीर और शक्तिशाली रूप को व्यक्त किया गया है। "शेरा वालिए" का अर्थ है "शेरों के साथ माता की महिमा"यह माता के साहस और शक्ति को दर्शाता हैजो अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।

गीत में यह भी कहा गया है कि भक्त माता के दर के भिखारी हैंऔर उनके दरबार से बाहर जाने का कोई रास्ता नहीं है। एक बार माता के दर्शन के बादभक्त अपनी दुनिया और अपने पुराने रिश्तों को छोड़कर पूरी तरह से माता के मार्ग में समर्पित हो जाते हैं। माता के दरबार से जुड़ी एक "डोरी" (धागा) भक्तों की भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक बन जाती हैजो उन्हें हमेशा माता के साथ जोड़ती है।

गीत में माता के दिव्य रूप और उनकी उपस्थिति को भी दर्शाया गया है। माता के दर से ही पूरी दुनिया में उजाला फैलता हैउनकी खुशबू फूलों मेंचाँद की चाँदनी मेंसूरज की रौशनी में और नैनों की ज्योति में बसी हुई है। यह सब माता की असीम शक्ति और कृपा का संकेत हैजो हर जगह फैली हुई है।

1.    माता की दिव्य उपस्थिति: गीत में यह कहा गया है कि माता का आशीर्वाद और उनकी उपस्थिति हर जगह है — फूलों मेंचाँद मेंसूरज मेंऔर यहाँ तक कि हमारी आँखों की ज्योति में भी।

2.    माता के बुलावे का महत्व: गीत में यह दिखाया गया है कि जब माता का बुलावा आता हैतो भक्त पूरी श्रद्धा से माता के दरबार में पहुँचते हैं और अपनी दुनिया की चिंता छोड़ देते हैं। एक बार माता के चरणों में समर्पण करने के बादवे फिर कभी नहीं लौटते।

3.    भक्ति और समर्पण: भक्त माता के दर में भिखारी बनकर आते हैंऔर वे अपने जीवन को माता की भक्ति में समर्पित कर देते हैं। यह गीत यह संदेश देता है कि भक्तों को केवल माता के दर पर ही शांति और सुख मिलता है।

4.    माता की शक्ति: "शेरा वालिए" और "ज्योता वालिए" जैसे शब्दों से माता की शक्ति और उनके अद्वितीय रूप को दर्शाया गया है। माता के पास अनंत शक्ति हैजो हर भक्त की सहायता करती है।

यह गीत माता वैष्णो देवी के प्रति भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। यह उन भक्तों के दिलों की गहरी भावनाओं को व्यक्त करता हैजो माता के दर पर अपने जीवन को समर्पित करने के लिए आते हैं। "भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए" गीत माता की कृपाउनकी शक्ति और उनके अद्वितीय रूप का आभार व्यक्त करता हैजो हर भक्त की रक्षा करती हैं।

भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
में हाँ तेरे दीदारकि मैं आऊंगा
कभी न फिर जाऊँगा

भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,

शेरावालिये नीमाता ज्योता वालिए
नी सच्चियाँ ज्योता वालिएलाटा वालिए

भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,

तेरे ही दर के हैं हम तो भिखारी,
जाएं कहाँ यह दर छोड़ केहाँ छोड़के ।
तेरे ही संग बँधी भक्तों ने डोरी,
सारे जहाँ से नाता तोड़ केहाँ तोड़के ॥

शेरावालिये नी माता ज्योता वालिए
भवना वालिए नी माता लाटा वालिए

भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,

फूलों में तेरी ही खुशबु है मैया,
चंदा में तेरी ही चांदनीहाँ चांदनी ।
तेरे ही नूर से है नैनो की ज्योतियाँ,
सूरज में तेरी ही रौशनीहाँ रौशनी ॥

शेरावालिये नीमाता ज्योता वालिए
नी सच्चियाँ ज्योता वालिएलाटा वालिए

भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,

भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,
में हाँ तेरे दीदारकि मैं आऊंगा
कभी न फिर जाऊँगा

भेजा है बुलावातूने शेरा वालिए
ओ मैया तेरे दरबार,

शेरावालिये नीमाता ज्योता वालिए
नी सच्चियाँ ज्योता वालिएलाटा वालिए

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