पवनपुत्र, इस राम
दूत की महिमा अपार
यह भजन हनुमान जी की महिमा का गुणगान करता है। इसमें पवनपुत्र (हनुमान) की शक्ति, भक्ति और प्रेम के माध्यम से जीवन में सुख और सफलता पाने की प्रेरणा दी गई है।
1. हनुमान की महिमा: भजन हनुमान जी को "राम दूत" के रूप में वर्णित
करता है, जो अपने भक्तों की सभी कठिनाइयों को दूर करते
हैं।
2. भक्ति का महत्व: यह बताता है कि जो भी हनुमान जी की निस्वार्थ भक्ति करता
है, उसका जीवन सफल हो जाता है और वह सभी दुखों से पार
हो जाता है।
3. जीवन की नश्वरता: भजन में यह भी कहा गया है कि जीवन क्षणिक है, इसलिए मनुष्य को अपने जीवन में हनुमान जी की भक्ति करना चाहिए और उनके
चरणों में समर्पित होना चाहिए
4. संकट मोचन: "संकट हारी" का अर्थ है कि हनुमान जी सभी संकटों को
हर लेते हैं। इस नाम का जाप करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं।
5. अनुरोध और प्रार्थना: अंत में, यह भजन सुनने
वालों को प्रोत्साहित करता है कि वे हनुमान जी का नाम लें और उनकी महिमा का गुणगान
करें।
इस तरह, यह भजन हनुमान जी की शक्ति, भक्ति
के लाभ, और जीवन के सही मूल्य को समझाने का प्रयास करता
है।
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
जो निस प्रेम से पूजा, हुआ उसका बेड़ा
पार
ओ, बोलो, "महाबीर हनुमान"
ओ, बोलो, "बजरंगी
बलवान"
(ओ, बोलो, "महाबीर
हनुमान")
(बोलो, "बजरंगी बलवान")
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
जो निस प्रेम से पूजा, हुआ उसका बेड़ा
पार
ओ, बोलो, "महाबीर हनुमान"
बोलो, "बजरंगी बलवान"
(ओ, बोलो, "महाबीर
हनुमान")
(बोलो, "बजरंगी बलवान")
इक नाम यही सुखदाई, इक नाम यही फलदाई
जो करता नित पग बंदन, उस नर ने खुशियाँ
पाईं
जिसने भी अपने मन में इस अंजनी पुत्र को बैठाया
जीवन में जीते जी उसने सब कुछ बिन माँगे पाया
ऐ, महाबीर, बजरंगबली
ऐ, महाबीर, बजरंगबली
जो भजन मुदित मन है गाया
जो भजन मुदित मन है गाया
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
जो निस प्रेम से पूजा, हुआ उसका बेड़ा
पार
ओ, बोलो, "महाबीर हनुमान"
ओ, बोलो, "बजरंगी
बलवान"
(ओ, बोलो, "महाबीर
हनुमान")
(बोलो, "बजरंगी बलवान")
ये जीवन चार दिनों का है, मन भज ले
मारुति नंदन
भव पार ये होगा, जीवन धन कर ले चरणों में
बंदन
फ़िर पछताए क्या होगा जब प्राण पखेरू बन जाएँ?
अफ़सोस किए क्या होगा जब वक्त लोट के ना आए?
संकट हारी, सत नाम यही
संकट हारी, सत नाम यही
जो नर इस नाम को निस गाए
जो नर इस नाम को निस गाए
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
पवनपुत्र, इस राम दूत की महिमा अपार
जो निस प्रेम से पूजा, हुआ उसका बेड़ा
पार
ओ, बोलो, "महाबीर हनुमान"
बोलो, "बजरंगी बलवान"
(ओ, बोलो, "महाबीर
हनुमान")
(बोलो, "बजरंगी बलवान")
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