अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
यह भजन भगवान कृष्ण
और राम की स्तुति में है, जिसमें भक्ति और श्रद्धा के
भावों का अद्भुत चित्रण किया गया है। इसके माध्यम से भक्त भगवान को बुलाने की
शक्ति और उनकी उपस्थिति का अनुभव करते हैं।
भगवान की महिमा:
भजन में अच्युतम, केशव, कृष्ण, दामोदर, राम, नारायण जैसे नामों के द्वारा भगवान की महिमा का गुणगान किया गया है।
भक्ति की शक्ति: यह
बताया गया है कि अगर मन में सच्ची श्रद्धा हो, तो भगवान अवश्य आएंगे। भक्तों की आस्था और प्रेम के माध्यम से भगवान की
कृपा प्राप्त होती है।
मीरा और यशोदा का
उदाहरण: भक्त मीरा की तरह भगवान को बुलाने की शक्ति और माँ यशोदा की तरह प्रेम से
सुलाने का उल्लेख किया गया है, जो भक्ति
के विभिन्न रूपों को दर्शाता है।
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
बिन बुलाये आएंगे
श्याम रेह ना पायेंगे
तेरी पीड़ा तेरे दुःख
श्याम सेह ना पायेंगे
बिन बुलाये आएंगे
श्याम रेह ना पायेंगे
तेरी पीड़ा तेरे दुःख
श्याम सेह ना पायेंगे
आस्था से पूरी
बंद करके आँखों को
दिल से तुम बुलाओ तो सही
कौन कहते हैं भगवान आते नहीं
लोग मीरा के जैसे बुलाते नहीं
कौन कहते हैं भगवान आते नहीं
लोग मीरा के जैसे बुलाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
कोई छोटा ना बड़ा
सब बराबर है यहाँ
राम के हैं हम सभी
राम सबके हैं यहाँ
मन में श्रद्धा हो अगर
तो मना वो ना करे
चाहे झूठा ही सही
भोग वो स्वीकार लें
भाव जिसका मन में
राम के लिए पूरा
वो मना करेंगे ही नहीं
कौन कहते हैं भगवान आते नहीं
लोग मीरा के जैसे बुलाते नहीं
कौन कहते हैं भगवान आते नहीं
लोग मीरा के जैसे बुलाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहते हैं भगवान सोते नहीं
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं
कौन कहते हैं भगवान सोते नहीं
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहते हैं भगवान नाचते नहीं
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं
कौन कहते हैं भगवान नाचते नहीं
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
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