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शनिवार, 26 अक्टूबर 2024

मेरी चौखट पे चल के आज चारो धाम आये हैं

मेरी चौखट पे चल के आज चारो धाम आये हैं

यह गीत भगवान राम के आगमन की खुशी और भक्ति को व्यक्त करता है। इसके माध्यम से भक्त अपने आराध्य का स्वागत करते हुए अपनी गहरी श्रद्धा और प्रेम प्रकट कर रहा है।

1. स्वागत और उल्लास: "मेरी चौखट पे चल के आज चारो धाम आये हैं" से यह संकेत मिलता है कि राम का आगमन भक्त के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैजैसे कि चारों धाम उसके घर आ गए हों। ढोल बजाकर स्वागत का भाव एक उत्सव का माहौल बनाता है।

2. कथा और भक्ति: शबरी की कथा का जिक्र कर भक्त अपनी कहानी को राम से जोड़ता हैयह दिखाते हुए कि हर भक्त की भक्ति का एक अद्भुत महत्व होता है।

3. आंसू और खुशी: आंसुओं का जिक्र कर यह दर्शाया गया है कि प्रभु के चरणों को धोने में पाई गई खुशी में भावनाओं का एक गहरा स्तर है।

4. प्रभु की महिमा: राम को "धनी" और "निर्धन का धन" कहा गया हैजो दर्शाता है कि वे केवल भौतिक नहींबल्कि आत्मिक समृद्धि के प्रतीक भी हैं।

5. दर्शन का महत्व: "जीवन नइयाँ तुमने तारी" का मतलब है कि राम के दर्शन से भक्त का जीवन सुखद और सुरक्षित हो गया है।

6. भक्ति का संदेश: "मंगल भवन अमंगल हारी" का जिक्र करते हुए यह बताया गया है कि राम सभी कष्टों को दूर करते हैं और जीवन में मंगल लाते हैं।

इस गीत में भगवान राम के प्रति अनन्य भक्तिउनकी कृपा और उनके आगमन की खुशी का एक भावुक चित्रण किया गया हैजो भक्तों के हृदय में गहरा स्थान रखता है।

मेरी चौखट पे चल के आज

चारो धाम आये हैं

बजाओ ढोल स्वागत में

मेरे घर राम आये हैं

कथा शबरी की जैसी

जुड़ गई मेरी कहानी से

ना रोको आज धोने दो चरण

आँखों के पानी से

बहुत खुश हैं मेरे आंसू

के प्रभु के काम आये हैं

बजाओ ढोल स्वागत में

मेरे घर राम आये हैं

तुमको पा के क्या पाया है

सृष्टि के कन्न कन्न से पूछो

तुमको खोने का दुख क्या है

कौशल्या के मन से पूछो

द्वार मेरे ये अभागे

आज इनके भाग जागे

बड़ी लम्बी इंतज़ार हुई

रघुवर तुम्हारी तब

आई है सवारी

संदेशे आज खुशियों के

हमारे नाम आये है

बजाओ ढोल स्वागत में

मेरे घर राम आये हैं

दर्शन पा के हे अवतारी

धनी हुए हैं नैन पुजारी

जीवन नइयाँ तुमने तारी

मंगल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी

निर्धन का तुम धन हो राघव

तुम ही रामायण हो राघव

सब दुःख हरना अवध बिहारी

मंगल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी

मंगल भवन अमंगल हारी

चरण की धूल ले लूं मैं

मेरे भगवान आये हैं

बजाओ ढोल स्वागत में

मेरे घर राम आये हैं

मेरी चौखट पे चल के आज

चारो धाम आये हैं

बजाओ ढोल स्वागत में

मेरे घर राम आये हैं

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